NCERT 8th Science Chapter 10 Reaching the Age of Adolescence

हैलो बच्चो ! आज के इस लेख में हम अध्याय Reaching the Age of Adolescence के बारें में चर्चा करेंगे ।

मनुष्य जब जन्म लेता है, तब वह जनन करने में असक्षम होता है ! लेकिन जब वह कुछ वर्ष का हो जाता है। तब वह जनन कर सकता है ।

आज हम उसी काल के बारें में चर्चा करेंगे, जब वह जनन क्षम होता है ।

मनुष्य के शरीर में जन्म से ही वृद्धि होती रहती है, लेकिन 10 – 11 वर्ष की आयु में वृद्धि एकाएक बढ़ जाती है।

इस समय वृद्धि स्पष्ट दिखायी देती है । तो अपने इस वृद्धि के बारें में देख लेते है ।

किशोरावस्था :

जीवन का ऐसा समय जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते है, जिनसे शरीर में जनन परिपक्वता आ जाती है।

किशोरावस्था कहलाती हैं । Reaching the Age of Adolescence

यह 11 वर्ष से लेकर 18 – 19 वर्ष तक होती है । इस अवस्था को टीनेजर्स भी कहते है ।

ऐसा इसलिए क्यों कि यह शब्द अंग्रेज़ी के टीनस की आयु होती है ।

Thirteen – Nineteen

यौवनारंभ :

किशोरावस्था के दौरान शरीर में अनेक परिवर्तन होते है। जो यौवनारंभ कहलाते है।

यौवनारंभ के दौरान होने वाले परिवर्तन :

  • लंबाई में वृद्धि ।
  • शारीरिक आकृति में परिवर्तन ।
  • स्वर में परिवर्तन ।
  • जनन अंगों का विकास ।
  • मानसिक, बौद्धिक एवं संवेदनात्मक परिपक्वता का आना ।
  • स्वेद एवं तैल ग्रंथियों का अधिक सक्रिय होना ।

इसी के साथ कुछ गौण लैंगिक लक्षण भी दिखाई देते है ।

लड़कों के मुँह पर बाल उगना ।

जनन अंगों के आस – पास बालों का उगना ।

इन सभी गुणों को हॉर्मोन के द्वारा नियंत्रित किया जाता है ।

महिलाओं में जनन काल की आयु एक निश्चित समय तक होती है ! जो 10 – 12 वर्ष से लेकर 45 – 50 वर्ष की आयु तक होती है ।

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