हैलो बच्चों ! आज के इस लेख में हम अध्याय Force and Pressure के बारें में देखने वाले है ।
आप दिन भर अनेक कार्य करते है ! इस दौरान आप कभी वस्तु को खींचते है, तो कभी धक्का लगाते है ।
बल :
किसी वस्तु को धक्का देना या खिंचना बल कहलाता है । प्रत्येक वस्तु पर बल कार्य करता है ।
यदि दो बल एक ही दिशा में हो तब वो आपस में जुड़ जाते है ! लेकिन यदि बल दो अलग – अलग दिशाओं में हो तब बल घटा दिए जाते है ।
यानि कुल बल या तो घटाव के परिणाम स्वरूप प्राप्त होता है, या फिर जुड़ाव के परिणाम स्वरूप प्राप्त होता है ।
कुछ इस तरह से बल को समझ सकते है । Force and Pressure
यदि दो दिशाओं से किसी वस्तु को धक्का लगाया जाता है, वस्तु गति नहीं करे बल का परिणाम शून्य होगा।
वस्तु की स्थिति में परिवर्तन करने के लिए बल आवश्यक है ।
बल के कारण परिवर्तन :
- विराम अवस्था से गतिशील अवस्था में ला सकती है ।
- चाल में परिवर्तन कर सकती है ।
- दिशा में परिवर्तन कर सकती है ।
- आकृति में परिवर्तन कर सकती है ।
प्रकार : बल के प्रकार :
यहाँ एक बात तो स्पष्ट है कि बल के कारण विभिन्न प्रकार के परिवर्तन होते है।
लेकिन बिना स्पर्श किए परिवर्तन संभव नहीं है। इस आधार पर बल दो प्रकार के होते है –
- संपर्क बल
- असंपर्क बल
संपर्क बल :
संपर्क शब्द से ही स्पष्ट है कि दो सतहों का आपस में संपर्क ।
ऐसे बल जो दो सतहों के आपसी संपर्क के कारण संपर्क सतह पर लगते है, संपर्क बल कहलाते है ।
घर्षण बल, पेशीय बल आदि संपर्क बल के उदाहरण है ।
असंपर्क बल :
शब्द असंपर्क से स्पष्ट है कि आपस में संपर्क नहीं होता है ।
बल जो जो सतहों के आपसी संपर्क के बिना लगता है, असंपर्क बल कहलाते है ।
चुम्बकीय बल, गुरुत्वाकर्षण बल, स्थिर विद्युत बल आदि असंपर्क बल है।
दाब :
एकांक क्षेत्रफल पर लगाया गया बल, दाब कहलाता है ।
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