हैलो बच्चों ! आज के इस लेख में हम अध्याय Friction के बारें में देखने वाले है ।
Friction एक प्रकार का संपर्क बल है, जो दो सतहों के मध्य लगता है ।
ऐसा बल जो दो संपर्क सतहों के मध्य लगकर उनकी गति का विरोध करता है, घर्षण बल कहलाता है ।
जब आप चल रहे होते है, तब अचानक से आपका पाँव केले के छिलके पर लगता है ! आपका पाँव फिसल जाता है एवं आप गिर पड़ते है । क्या आपने कभी सोचा है ऐसा कैसे हुआ।
बच्चों जैसे ही आपका पाँव केले के छिलके पर लगा, घर्षण बल का मान कम हो गया ! जिससे आपका पाँव फिसल गया।
अतः घर्षण होना आवश्यक है ।
कभी घर्षण का मान कम हो गया, कभी ज़्यादा हो गया । ऐसा कैसे हो सकता है । ये तो एक समान ही रहना चाहिए । इसका जवाब जानते है –
घर्षण को प्रभावित करने वाले कारक :
कौनसे – कौनसे कारक घर्षण बल को प्रभावित करते है, इसके लिए प्रयोग करते है –
हम एक सेल लेते है ! इसको टेबल पर एक स्लेट रखते हुए, स्लेट के ऊपरी हिस्से से घूमने देते है ।
वह कितनी दूरी तक रोल करते हुए आता है ! आप नोट कर लेंगे। अभी आप टेबल पर चिकना पेपर लगा देंगे ! सेल को दोबारा रोल करवायेंगे। अभी अपने दूरी नोट कर लेंगे।
प्रथम बार से इस बार अधिक दूरी तक सेल जाता है।
घर्षण दो पृष्ठों के मध्य अनियमितताओ के अंतःबंधन पर निर्भर करता है ।
ऐसा नहीं हो सकता क्या कि घर्षण बल हो ही नहीं! यह संभव है क्या ?
हानिकारक लेकिन आवश्यक घर्षण बल :
कुछ ऐसे काम जो घर्षण के कारण ही संभव हो पाते है –
- श्यामपट्ट पर आप लिख पाते है ।
- चल पाते है ।
- पेंसिल से आप लिख पाते है ।
- गाड़ी को रोक पाते है ।
घर्षण बल को कम या ज़्यादा कैसे किया जा सकता है :
जूतों पर नीचे की तरफ़ ग्रिप अधिक बना दी जाती है । ताकि आसानी से फिसलन को रोका जा सके।
खिलाड़ियों के जूतों के नीचे कील लगा दिये जाते है । ताकि घर्षण का मान बढ़ाया जा सकें।
ट्रेक्टर के टायर पर बड़ी – बड़ी गुड़िया भी घर्षण बढ़ाने के लिए ही बनाई जाती है ।
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