NCERT 8th Science Chapter 16 Light

हैलो बच्चों! आज के इस लेख में हम Light के बारें में जानने वाले है।

वैसे तो यह सब कुछ आप पहले से ही जानते है, कि बिना प्रकाश आप अंधे व्यक्ति के समान है।

किसी भी वस्तु को देखने के लिए प्रकाश की ज़रूरत होती है।

अंधेरे कमरे में आप कुछ भी नहीं देख पातें, बल्ब जलते ही दिखने लगता है।

यानि किसी भी वस्तु को देखने के लिए ज़रूरी है कि उस वस्तु पर गिरने के बाद प्रकाश आपकी आँखों तक पहुँचे।

परावर्तन का नियम :

आपतन कोण सदैव परावर्तन कोण के बराबर होता है।

पार्श्व परावर्तन :

दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब में वस्तु का दायां भाग बायाँ भाग, बायाँ दायाँ हो तब इसे पार्श्व परावर्तन कहते है।

विसरित परावर्तन :

जब सभी समानांतर किरणें समतल पृष्ठ से परावर्तित होने के बाद समांतर नहीं होती ।

विसरित परावर्तन कहलाता है। Light

नियमित परावर्तन :

दर्पण जैसे चिकने पृष्ठ से होने वाले परावर्तन को नियमित परावर्तन कहते है।

मानव नेत्र :

यह भी एक ज्ञानेन्द्रिय है, जो परावर्तित प्रकाश को ग्रहण करती है ।

इसमें दो प्रकार की कोशिकाएँ होती है।

  • शंकु कोशिका
  • शलाका कोशिका

शंकु कोशिकाएँ :

ये तीव्र प्रकाश के लिए सुग्राही होती है ।

शलाका कोशिका :

यह मंद प्रकाश के प्रति सुग्राही होती है ।

नोट :

रेटिना तथा द्रक तंत्रिकाओं की संधि पर कोई तंत्रिका कोशिका नहीं होती है ।

यह बिंदु अंध बिंदु कहलाता है ।

मानव नेत्र के लिए किसी दृश्य को स्पष्ट रूप से देखने के लिए 25 सेमी की दूरी होना आवश्यक है।

नेत्रों की देखभाल :

  • सूर्य या शक्तिशाली प्रकाश स्रोत को सीधे आँखों से नहीं देखे ।
  • धूल मिट्टी गिर जायें तब ठंडे पानी से धोयें ।
  • बार – बार स्वच्छ जल से धोयें ।
  • विटामिन A से भरपूर भोजन खाये ।

इसके लिए दूध, दही, पनीर, मक्खन, अंडे आदि का सेवन विटामिन A से भरपूर होते है ।

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