हैलो बच्चों ! आज के इस लेख में हम अध्याय Pollution of Air and Water के बारें में देखने वाले है ।
सबसे पहले आपको बता दे कि मानव जीवन के लिए वायु एवं जल दोनों ही अति आवश्यक तत्त्व है।
दोनों के बारे में एक साथ नहीं देखकर एक – एक करके देख लेते है ।
वायु प्रदूषण :
वायु का एक निश्चित संघटन पाया जाता है । जब भी यह संघटन बदलता है तब इसे प्रदूषण कि श्रेणी में लिया जाता है ।
संघटन (वायु) कुछ इस प्रकार से होता है –
- नाइट्रोजन – 78 %
- ऑक्सीजन – 21 %
- अन्य गैसें – 1 %
जो पदार्थ वायु को संदूषित करते है, वायु प्रदूषक कहलाते है।
प्रदूषक प्राकृतिक एवं कृत्रिम हो सकते है। Pollution of Air and Water
ज्वालामुखी का फटना, जंगल में आग लगने से निकलने वाला धुआँ आदि।
वाहनों से निकलने वाला धुआँ भी एक प्रदूषक है।
कार्बन मोनो ऑक्साइड ।
रुधिर की ऑक्सीजन परिवहन की क्षमता को कम कर देती है ।
CFC – क्लोरो फ़्लोरो कार्बन ।
ओजोन परत को ।
उपाय :
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते है –
- लोगो को जागरूक करना चाहिए ।
- स्वच्छ ईंधन का उपयोग – CNG।
- जहां तक संभव हो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग।
जल :
यह भी हमारे लिये महत्वपूर्ण हिस्सा है। जल है तो कल है।
प्रदूषित कैसे होता है :
- कारख़ानो से निकलने वाले दूषित जल के नदी – नालों में प्रवाहित कर देने के कारण ।
- जलस्रोतो में स्नान के कारण।
- बहते हुए जल में कपड़े धोने के कारण।
- मृत शरीर को नदी – नालों में प्रवाहित कर देने के कारण।
गंगा कार्य परियोजना।
पेयजल ।