हैलो बच्चों ! आज के इस लेख मे अध्याय 3 के बारें मे जानने वाले है ! अध्याय संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक रहेगा । सबसे पहले आप विभिन्न प्रकार के कपड़े पहनते है ! कभी सोचा है कि ये कपड़ा कैसे बंटा है । जब भी आप ध्यान से देखेगे तब आपको पत्ता चलेगा । Synthetic Fibres and Plastics
कपड़ा कैसे बनता है । यह विभिन्न प्रकार के पतले रेशों से मिलकर बना होता है ।
रेशे का स्रोत कोई भी हो सकता है । क्या आप जानते है रेशा कहाँ – कहाँ से प्राप्त हो सकता है । चलिए ये जानने का प्रयास करते है ।
रेशों के प्रकार :
स्रोत के आधार पर रेशे दो प्रकार के होते है –
- प्राकृतिक रेशे
- संश्लेषित रेशे
संश्लेषित रेशे :
संश्लेषित रेशा विभिन्न छोटी – छोटी इकाइयों से मिलकर बनता है । ये छोटी इकाई बहुलक होती होती है ।
बहुलक शब्द को अंग्रेजी भाषा मे पोलीमर कहते है ! जो ग्रीक शब्द “पोली” एवं “मर” से बना होता है ।
बहुत सारी इकाइयों को मिलाकर पोलीमर बनते है ।
संश्लेषित रेशों के प्रकार :
विभिन्न प्रकार के होते है । जो निम्न प्रकार है –
- रेयॉन
- नाइलॉन
- पॉलीएस्टर और ऐक्रिलिक
रेयॉन :
कृत्रिम रेशम भी कहते है । देखने मे रेशम जैसा दिखता है, लेकिन रेशम नहीं होता ।
यह कपास से साथ मिलकर कालीन और गलीचे बनाने के काम आता है ।
नाइलॉन :
प्रथम पूर्ण संश्लेषित रेशा है । रस्से, तंबू, पैराशूट के निर्माण मे काम आता है ।
कार का शीटबेल्ट भी इससे बनाया जाता है ।
चट्टानों पर चड़ने के लिए रेशे भी इसी के बने होते है ।
पॉलीएस्टर और ऐक्रिलिक :
इससे बने कपड़ों मे आसानी से सलवटे नहीं पड़ती । धुलने मे आसान होते है ।
PET – पॉली एथिलीन टरथेलेट
कृत्रिम रेशों के गुण :
- जल्दी सूखते है ।
- सस्ते होते है ।
- रख – रखाव आसान होता है ।
- लंबे समय तक चलते है ।
प्लास्टिक :
प्लास्टिक भी संश्लेषित रेशों की तरह बहुलक होता है । Synthetic Fibres and Plastics
यह भी दो प्रकार के होते है –
- थर्मोप्लास्टिक
- थर्मोसेटिंग प्लास्टिक
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