हैलो बच्चो ! आज के इस लेख में हम कक्षा 8 के अध्याय 1 के बारें में देखेंगे। अध्याय का नाम फसल उत्पादन एवं प्रबंध रहेगा। (Crop Production and Management)। जब बड़े भू – भाग पर एक ही तरह के पौधे लगाये जाते है। तब वह फसल कहलाता है।
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सबसे पहले फसल कितने प्रकार की होती है।
- खरीफ फसल
- रबी फसल
कौनसी फसल को कब उगाया जाता है। जब इस पर ध्यान दिया जाये, तब –
खरीफ की फसल :
खरीफ की फसल को माह जून में बोया जाता है। इसी के साथ में इसकी कटाई माह सितंबर में की जाती है। जब बात उदाहरण की आती है। तब बाजरा, धान, मूँगफली, कपास, सोयाबीन के नाम सामने आते है।
रबी की फसल :
रबी की फसल को माह अक्तूबर में बोया जाता है। या बोल सकते है कि शीत ऋतु में बोया जाता है। इसी के साथ कटाई की बात की जायें। तब कटाई माह फरवरी से मार्च में की जाती है। रबी की फसल के उदाहरण कुछ इस प्रकार से है। सरसों, राई, गेहूँ, जौ, चना, मटर आदि।
फसल पद्वतियाँ :
फसल को उगाने के लिए किसान को अनेक कार्य समय – समय पर करने होते है। यहीं सब फसल पद्वतियाँ कहलाते है। कुछ फसल पद्वति इस प्रकार से है-
- मिट्टी को तैयार करना
- बुवाई करना
- खाद एवं उर्वरक देना
- सिंचाई करना
- खरपतवार से सुरक्षा करना
- फसल पकने पर कटाई करना
- भण्डारण करना
सिंचाई करना :
फसल को समय – समय पर पानी देना सिंचाई कहलाता है । सिंचाई के लिए विभिन्न विधियाँ काम में लाई जाती है। जो निम्न प्रकार से है ।
- सिंचाई के लिए आधुनिक विधियाँ
- सिंचाई के परम्परागत तरीके
सिंचाई के परंपरागत तरीके :
परंपरागत तरीक़े :- हमारे देश भारत में सिंचाई के लिए पूर्व में किसी तकनीकी का विकास जब तक नहीं हुआ था। तब लोग अपने स्तर पर इसके लिये विभिन्न विधियाँ काम में लेते थे । उन विधियों में से कुछ विधियाँ आगे दी जा रही है ।
- मोट (घिरनी)
- चेन पम्प
- ढेकली
- रहट (उत्तोलक तंत्र)
आधुनिक विधियाँ (सिंचाई) :
- छिड़काव तंत्र
- ड्रिप तंत्र
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